News
आध्यात्मिक व सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक थे स्वामी विवेकानंद - विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने झाड़ोल में किया विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और कर्मशील बनने की प्रेरणा दी—जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री
जयपुर, 29 मई। महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी के मुख्य आतिथ्य में उदयपुर के झाड़ोल में विवेकानंद पार्क में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता श्री गुणवंत सिंह झाला ने की। अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद पार्क में फीता काटकर ओपन जिम उद्घाटन किया और विवेकानंद प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत माता के सपूत, युगपुरुष और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत थे। वे न केवल भारत के बल्कि समस्त विश्व के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक थे। उनका जीवन, उनके विचार और उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। उन्होंने विश्व को भारत की प्राचीन सनातन संस्कृति, वेदांत और मानवता के मूल सिद्धांतों से परिचित कराया। उनकी प्रतिमा के अनावरण का यह अवसर उनके योगदान को याद करते हुए उनसे प्रेरणा लेने का अवसर है। श्री देवनानी ने वर्ष 1893 में शिकागो धर्म संसद में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि तब उन्होंने अपने विचारों से भारत का मस्तक ऊँचा किया। साथ ही यह भी सिद्ध कर दिया कि भारत केवल आध्यात्मिकता का ही नहीं बल्कि ज्ञान, विज्ञान और नैतिक मूल्यों का भी अगुआ है। 'मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों' से शुरू हुआ उनका भाषण आज भी हर भारतीय के हृदय में जोश भर देता है। कैबिनेट मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और कर्मशील बनने की प्रेरणा दी। उनका कहना था—"उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।" आज हम सभी को उनके इन शब्दों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। #breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews